पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों के पुर्नगठन (Reorganization) के बाद पैदा हुई कानूनी पेचिदगियों से प्रदेश में अगर कोई जिला सबसे ज्यादा प्रभावित (Affected) हुआ है तो वह झुंझुनूं (Jhunjhunu) है. इस जिले में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) को लेकर सबसे ज्यादा अनिश्चितता (Uncertainty) बनी हुई है. जिले की झुंझुनूं, सूरजगढ़ और सिंघाना पंचायत समितियों की 99 ग्राम पंचायतों के चुनाव पहले चरण में घोषित थे, लेकिन कानूनी पेचिदगियों के चलते यहां के चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं. जबकि इन पंचायतों के लिए प्रत्याशी नामांकन तक दाखिल कर चुके थे. अब इन प्रत्याशियों के सामने समस्या यह है कि वे अपना चुनाव प्रचार जारी रखें या रोक दें. यह उनकी समझ से बाहर हो रहा है.
कार्यालय चलता रहा तो खर्चे की लिमिट पार हो जाएगी
पहले चरण की इन पंचायतों में सरपंच बनने का ख्वाब देख रहे 685 दावेदार नामांकन दाखिल करने के बाद अब ऊहापोह की स्थिति में हैं. उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि वे चुनाव प्रचार बंद कर दें या चालू रखें. चुनाव आयोग के नियमानुसार नामांकन दाखिल करने के बाद से सरपंच उम्मीदवार चुनावों में अधिकतम 50 हजार रुपए ही खर्च कर सकेंगे. लेकिन सरपंच उम्मीदवारों के सामने समस्या यह है कि वे यदि अपने चुनावी खर्चे बंद करते हैं तो वोटरों के सामने उनकी इमेज मैदान छोडऩे जैसी हो जाएगी. जो वे कतई नहीं चाहते. वहीं अगर चुनाव कार्यालय चालू रखते हैं खर्चें की लिमिट पार होते देर नहीं लगेगी.
भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है
आयोग की ओर से निर्देश आने पर ही आगे की प्रक्रिया होगी
झुंझुनूं एसडीएम सुरेन्द्र यादव का कहना है कि निर्वाचन आयोग के निर्देश पर चुनाव स्थगित किए गए हैं. सभी स्थितियां क्लियर होने के बाद आयोग की ओर से निर्देश आने पर ही आगे की प्रक्रिया होगी. उल्लेखनीय है कि झुंझुनूं की नौ में से आठ पंचायत समितियों में चुनाव पर फिलहाल रोक लगी हुई है. नवलगढ़ पंचायत समिति में चौथे चरण में चुनाव प्रस्तावित थे. उस चरण को चुनाव आयोग पहले ही स्थगित कर चुका है.